- जयपुर में भयंकर हादसा
- LPG टैंकर की टक्कर से 11लोगो की मौत
- जयपुर से करीब 10 किमी पहले यू-टर्न ले रहे एलपीजी टैंकर को कंबल से भरे ट्रक ने मारा टक्कर
- 10 सेकेंड में ही वहां से गुजर रहीं पेट्रोल की गाड़ियां बनी आग का गोला
- हादसे में करीब 37 जले हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाया जा सका जिसमें 11 दम तोड़ चुके हैं. बाकियों का इलाज जारी
हादसा की वजह:
शुक्रवार को सुबह करीब पौने 6 बजे जयपुर से करीब 10 किमी पहले यू-टर्न ले रहे एलपीजी टैंकर को कंबल से भरे ट्रक ने टक्कर मार दिया. एलपीजी टैंकर के पीछे सेफ्टी वॉल्व और नोज़ल टूट गए जिससे तेजी से गैस निकलना शुरू हो गया. ये गैस 500 मीटर के दायरे में तेजी से फैल गया. इसके बाद उधर से गुजर रही एक के बाद एक गाड़ियां चपेट में आने लगीं. 10 सेकेंड में ही वहां से गुजर रहीं पेट्रोल की गाड़ियां आग का गोला बन गईं.
ड्राइवर जिंदा जला:
टक्कर मारने वाले ट्रक का ड्राइवर जिंदा जल गया. बताया जा रहा है कि हादसे के लिए जिम्मेदार सरकारें भी हैैं. रिंग रोड के लिए क्लोवर लीफ होता तो ये हादसा न हुआ होता, इस हादसे के लिए प्रथम दृष्टिकोण से LPG टैंकर चालक की बताई जा रही गलती.
चपेट मे आने से कई परिवार के लोगो की गई जान:
जयपुर में शुक्रवार को एक ऐसी घटना हो गई जो कई परिवारों को बड़ा दर्द दे गई. पूरी तरह से जल चुके और निर्वस्त्र हो चुके लोग सड़क पर दौड़ रहे थे. आग का गोला ऐसे लोगों की तरफ बढ़ा जैसे सुनामी हो. बाइक सवार का हेलमेट उसके चेहरे से चिपक गया. कार आग का गोला बन गई. आसमान में लपटे उठीं तो उड़ते परिदें भी जल गए. हादसे में करीब 37 जले हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाया जा सका जिसमें 11 दम तोड़ चुके हैं. बाकियों का इलाज चल रहा है.
जले हुए लोगो की पहचान करना भी मुश्किल:
हादसे में अभी तक महज 6 लोगों की शिनाख्त हो पाई है. 5 लोगों का डीएनए टेस्ट करने के लिए सैंपल लिया गया है. इस सैंपल के आधार पर जानने की कोशिश होगी कि ये कौन हैं. कुछ लोग इतना जल गए हैं कि चेहरा पहचान में नहीं आ रहा है. 10 की एसएमएस अस्पताल में और एक की जयपुरिया अस्पताल में मौत हो चुकी है.
हादसे मे कई लोगो ने दम तोड़ा:
जयपुर में शुक्रवार को एक ऐसी घटना हो गई जो कई परिवारों को बड़ा दर्द दे गई. पूरी तरह से जल चुके और निर्वस्त्र हो चुके लोग सड़क पर दौड़ रहे थे. आग का गोला ऐसे लोगों की तरफ बढ़ा जैसे सुनामी हो. बाइक सवार का हेलमेट उसके चेहरे से चिपक गया. कार आग का गोला बन गई. आसमान में लपटे उठीं तो उड़ते परिदें भी जल गए. हादसे में करीब 37 जले हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाया जा सका जिसमें 11 दम तोड़ चुके हैं. बाकियों का इलाज चल रहा है.
बड़ हादसा होने से बचा:
ये हादसा और भयानक हो सकता था जयपुर अजमेर रोड पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने जहां हादसा हुआ वहीं पास में पेट्रोलपंप है. हादसे के स्थान से कुछ ही दूरी पर माचिस से भरा ट्रक और एलपीजी से फुल एक और टैंकर था जिसे समय रहते साइड कर लिया गया. पेट्रोल पंप को भी सुरक्षित कर लिया गया. चूंकि हादसा सुबह के पौने 6 बजे हुआ. यही डेढ़-दो घंटे देरी से होता तो तब तक स्कूल भी खुल चुका होता. कुुल मिलाकर इन परिस्थितियों में ये हादसा होता तो भी ऐसा तांडव होता है जिसे आज पूरा देश हिल जाता.
6-7 साल पुरानी समस्या:
ये समस्या 6-7 साल पुरानी है अब सवाल ये उठ रहा है कि टैंकर का ड्राइवर कट पर क्यों यू-टर्न ले रहा था. दरअसल जिस हाईवे पर हर घंटे हजारों वाहन निकल रहे हैं वहां सरकारों ने बीते 6-7 सालों से गंभीर जानलेवा लापरवाही कर रखी है. यहां नेशनल हाईवे 8 यानी दिल्ली अजमेर हाईवे पर यू टर्न लेने की मजबूरी सरकारों की लापरवाही का नतीजा है.
साल 2016 में वसुंधरा सरकार में रिंग रोड बना और उद्घाटन 2018 के आखिर में हुआ. काम अधूरा था इसलिए मार्च 2019 में गहलोत सरकार के आने के बाद यातायात शुरू कराया गया. गहलोत सरकार ने भी रिंग रोड पर चढ़ने के लिए क्लोवर लीफ नहीं बनाए, जिससे अजमेर की तरफ से आ रहा ट्रैफिक घूमकर दूसरे साइड के ऊपर से निकल कर रिंग पर चढ़े. तब से रिंग रोड के क्लोवर लीफ के पीलर बस खड़े हैं. भजनलाल सरकार आ गई फिर भी ये अधूरी पड़ी है. किसी ने उसे पूरा करने की ज़हमत नहीं उठाई
सरकारों की लापरवाही से गई जानें:
सरकारों की लापरवाही से गई जानें देखा जाए तो सरकारों की नाकामी की वजह से ये हादसा हुआ है. हाईवे पर यू-टर्न लेकर मुंबई-दिल्ली हाईवे, आगरा और टोंक हाईवे पर जाने की मजबूरी है. 2018 क्लोवर लीफ का काम शुरू हुआ. सोना बिल्ड्स और भारती स्पन कंपनी को क्लोवर लीफ का टेंडर मिला था जो बैंकरप्ट होकर काम छोड़ कर चार साल पहले भाग गईं. अब एनएचआई ने नए सिरे से बिड कर इसी महीने काम 107 करोड़ में शुरू करवाया है जो मार्च 2026 में पूरा होना है.
रिंग रोड पर जाने के लिए कट से यूटर्न मजबूरी:
रिंग रोड पर जाने के लिए कट से यूटर्न मजबूरी जिसे भी आगरा-कोटा जाना होता है वो रिंग रोड पर चढ़ने के लिए यहां से यू-टर्न लेता है, जिससे आए दिन हादसे होते हैं, मगर आज बड़ा हादसा हो गया. इस बीच मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस वे भी बन गया. हादसे वाले नेशनल हाईवे-8 को यही रिंग रोड मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस वे जोड़ता है. अचानक इस यू-टर्न पर ट्रैफिक बढ़ा तो आठ साल बाद पिछले महीने फिर से क्लोवर लीफ़ पर काम शुरू हुआ तब तक तो बड़ा हादसा हो गया.